मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है जो आमतोर पर हलके संक्रमण वाला वायरस है.यह वायरस स्मालपॉक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है जो चूहों और बंदरो से हम इंसानों में फ़ैल सकता है.अगर कोई भी जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो उसको भी ये बीमारी होने की संभावना है यह बीमारी देखने में चेचक की तरह ही लगती है.जो लक्षण चेचक की बीमारी में देखने को मिलते है वही लक्षण मंकीपॉक्स वायरस में भी देखने को मिलते है.जिन लोगो में ज्यादा संक्रमण होता है उनको निमोनिया के लक्षण भी दिख सकते है.यह बीमारी छुहाछुत की तरह ही है जो की एक इंसान से दुसरे इंसान में फ़ैल सकती है.यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति को छूने से,उसकी छीक या खांसी के संपर्क में आने से या फिर संक्रमित व्यक्ति की वस्तुओ को इस्तेमाल करने से फ़ैल सकती है.
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मंकीपॉक्स वायरस की खोज कैसे हुई |
जैसे की आपको अब मंकीपॉक्स वायरस के बारे में पता तो चल ही गया होगा की कितना खतरनाक है ये वायरसअब जानते है इस वायरस की खोज कहा से हुई.यह वायरस आमतोर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था.साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था जहा पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी वही इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी यूके की NHS वेबसाइट के अनुसार,यह रोग चेचक की वंश का हैं जो अक्सर चेहरे पर शुरू होने वाले दाने का कारण बनता है .
मंकीपॉक्स वायरस फैलता कैसे है |Monkeypox Virus failta kaise hai
1.यह बीमारी छुहाछुत की तरह ही है जो की एक इंसान से दुसरे इंसान में फ़ैल सकती है.मंकीपॉक्स वायरस किसी संक्रमित जानवर के खून ,उसके शरीर का पसीना या कोइ उसके घावो के सीधे संपर्क में आने से फैलता है.आमतोर पर इन लक्षणों के प्रकट होने में 5 से लेकर 21 के बीच का समय लगता है .
2.जिस भी इन्सान को यह बीमारी होती है उसको पांच दिन के अन्दर बुखार ,सिरदर्द ,सुजन ,पीठ दर्द ,मास्पेशियो में दर्द ,और थकान जैसे लक्षण दिखते है.मंकीपॉक्स वायरस शुरुआत में चिकनपॉक्स,खसरा या चेचकजैसे दिखता है.
3.बुखार होने के एक से तीन दिन बाद स्किन पर इसका असर दिखना शुरू होता है.शरीर पर .हाथ-पैर,हथेलियों ,पैरो के तलवे और चेहरे पर छोटे छोटे दाने निकल आते है. ये दाने घाव जैसे दिखते है और खुद सुखकर गिर जाते है .
क्या मंकीपॉक्स वायरस जानलेवा हो सकता है |
जी हां ,यह वायरस जानलेवा हो सकता है ,अगर इसके लक्षणों को नज़रंदाज़ किया जाये तो यह जानलेवा हो सकता है इसलिए जब भी इसे लक्षण दिखाई दे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे .यह रोग 10 संक्रमित लोगो में से एक के लिए जानलेवा हो सकता है ,हलाकि ज्यादातर लोग कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते है मंकीपॉक्स के लिए मोजुदा समय में कोई इलाज़ नहीं है.मरीजों को एक विशेष हॉस्पिटल में रहने की जरूरत होगी.ताकि संक्रमण न फैले और सामान्य लक्षणों का इलाज किया जा सके.
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